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    हरियाणा राज्य में अल्कोहलिज्म और मादक पदार्थाें के सेवन की रोकथाम के क्षेत्र में योजना

    हरियाणा राज्य में मादक पदार्थों की लत को जड़ से समाप्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वापक औषधि और मन प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (1985 का केन्द्रीय अधिनियम-61)के तहत नियम अधिसूचित किये गये है। यह नियम हरियाणा नशामुक्ति केन्द्र नियम-2010 कहे जायेगे। इन नियमों के नियम-6 के अंतर्गत प्रावधान अनुसार अनुज्ञप्ति प्राप्त करके ही हरियाणा राज्य में नशामुक्ति केन्द्रों का संचालन किया जा सकता है। दिनांक 08.06.2021 तक हरियाणा राज्य में स्वास्थ्य विभाग एवं स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा 104 नशामुक्ति केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। सरकार द्वारा बजट प्रावधान और किये गये व्यय का विवरण निम्नानुसार हैः-

    वर्ष बजट संशोधित बजट व्यय
    2017-18 50.00 48.78
    2018-19 100.00 50.00 14.43
    2019-20 1000.00 200.00 100.66
    2020-21 1000.00 333.79

    संस्थाओं/व्यक्तियों के लिए राज्य पुरस्कार योजना

    अल्कोहलिज्म और मादक पदार्थाें के सेवन की रोकथाम के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राज्य पुरस्कार योजना के तहत योजना के उद्देश्यों को लागू करने के लिए जारी अधिसूचना दिनांक 06.03.2017 को राज्य पुरस्कारों के लिए मान्यता देने के दृष्टिकोण से शुरू किया गया था। प्रयास और उत्साह मादक द्रव्यों के सेवन और इसके शिकार लोगों के पुनर्वास की रोकथाम में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करते है, पुरस्कार हर साल सबसे प्रभावी या उत्कृष्ट सेवाओं के लिए व्यक्तिगत और संस्थानों द्वारा दुरूपयोग की रोकथाम में किए सराहनीय कार्य हेतू प्रस्तुत किए जाते हैं।
    ए-अल्कोहल, बी-नारकोटिक ड्रग्स, सी-साइकोट्रापिक पदार्थ और डी-अन्य नशे की लत पदार्थ (खांसी की दवाई, सुधार तरल इत्यादि) सरकार द्वारा बनाई गई योजना के तहत बजट प्रावधान और किये गये व्यय का विवरण इस प्रकार हैः-

    वितय वर्ष बजट संशोधित बजट राज्य पुरस्कार पर व्यय
    2017-18 50.00 04.10
    2018-19 100.00 50.00 06.00
    2019-20 1000.00 200.00 03.50
    2020-21 1000.00 05.15

    नशामुक्ति के लिए राज्य पुरस्कार की योजना के तहत 9 श्रेणियां है जो निम्नानुसार हैः-

     

    क्र.सं. राज्य पुरस्कार की श्रेणी
    01 सर्वश्रेष्ठ नशा मुक्ति केन्द्र जो शराब और नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं को सेवाएं प्रदान करने वाला सर्वश्रेष्ट नशा मुक्ति केन्द्र।
    02 सर्वश्रेष्ठ पंचायती राज संस्थान जो शराब और मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए काम कर रही संस्थान।
    03 सर्वश्रेष्ठ नगर निकाय संस्थान जो शराब और मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए काम करने वाली सर्वश्रेष्ट नगर निकाय।
    04 सर्वश्रेष्ठ स्कूल। शराब और मादक पदार्थों के सेवन को रोकने में जागरूकता पैदा करना व उत्कृष्ट कार्य करने वाला सर्वश्रेष्ट स्कूल।
    05 सर्वश्रेष्ट काॅलेज। शराब और मादक पदार्थों के सेवन को रोकने में जागरूकता पैदा करना व उत्कृष्ट कार्य करने वाला सर्वश्रेष्ट काॅलेज।
    06 सर्वश्रेष्ठ कर्णात्मक अभियान।
    07 सर्वश्रेष्ठ जागरूकता अभियान।
    08 उत्कृष्ठ व्यक्तिगत उपलब्धि पेशेवर।
    09 गैर पेशेवर उत्कृष्ठ व्यक्तिगत उपलब्धि।

    नशामुक्ति शाखा द्वारा निम्नलिखित कार्य/कार्यक्रमों के साथ कार्य करना:’-

    1. नशे की मांग में कमी के लिए राज्य कार्य योजना ।
    2. नशे की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना का कार्यान्वयन ढांचा।
    3. करनाल में नशामुक्ति पर जागरूकता सृजन कार्यक्रम आयोजित करना।
    4. मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, रोहतक में नशामुक्ति पर कार्यशाला का आयोजन।
    5. हरियाणा स्टेट सोसायटी फाॅर प्रिवेंशन आॅफ सब्सटेन्स यूज का गठन किया गया है। वित्त विभाग की स्वीकृति उपरान्त 3.25 करोड़ राशि की स्वीकृति वर्ष 2020-21 में जारी की गई। वित्त विभाग द्वारा 10 पद मुख्यालय स्तर व 6 पदों को प्रत्येक जिले हेतू स्वीकृत किया गया जिस बारे कार्यवाही की जा रही है।
    6. नशीली दवाओं के दुरूपयोग की रोकथाम पर जागरूकता और क्षमता निर्माण/संवेदीकरण कार्यक्रम राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान के अंतर्गत।
    7. मण्ड़ल स्तर पर 50 बैड का माॅडल नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों की आधारिक संरचना की आवश्यकता।
    8. जिला स्तर पर 30 बैड का माॅडल नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों की आधारिक संरचना की आवश्यकता।
    9. माॅडल जेल नशामुक्ति केन्द्रों (रोहतक और हिसार) का प्रस्ताव।
    10. राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान(एन.आइ.एस.डी.) द्वारा राष्ट्रीय कार्य योजना के अंतर्गत दो कार्यक्रमों (1)आउटरीच और ड्राॅप इन सेंटर (ओ.डी.आइ.सी.) (2) किशोरों द्वारा प्रारंम्भिक ड्रग उपयोग पर रोकथाम के लिए समुदाय आधारित सहकर्मी(सी.पी.आई.) ने हस्तक्षेप किया हो।
    11. रेट्रोवायरल के विरूद्ध उपचार पर एच.आई.वी./एड्स से पीड़ित परिवार के लोगों को वितीय सहायता देने का प्रस्ताव।
    12. प्रत्येक जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला समन्वय कमेटी बनी हुई है, जिस द्वारा नशे के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है।
    13. माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार तैयार पुनर्वास नीति को पहले ही वरिष्ठ अधिवक्ता और एमिक्स क्यूरिया को प्रस्तुत किया जा चुका है।
    14. माननीय उच्चतम न्यायालय के सी.डब्लयू.पी.न0 468 और 469/2020 के संदर्भ में 2020 में 1,52,761 प्रवासी श्रमिकों की कांउसलिंग की गई।